1.जरा सा बात करने का तरीका सीख लो तुम भी, उधर तुम बात करते हो इधर दिल टूट जाता है।
2.फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं, कब्र कितनी ही संवारो कोई ज़िंदा नहीं होता।
3.अब न कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये, हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।
4.तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने तोड़ डाला है, ये टुकड़े मैं नहीं लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो।
5.मैं तो आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है, इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।
6.कोई एहसान करदे मुझपे इतना सा बता कर, भुलाया कैसे जाता है दिल तोड़ने वाले को।
7.कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको, दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गई।
8.वो शख्स फिर से मुझे तोड़ गया आज, जिसे कभी हम पूरी दुनिया कहा करते थे।
9.कोई इल्ज़ाम रह गया है तो वो भी दे दो, पहले भी बुरे थे हम अब थोड़े और सही।
10.अंदर कोई झाँके तो टुकड़ों में मिलूंगा, ये हँसता हुआ चेहरा तो दिखाने के लिए है।
11.ज़िंदगी से क्यूँ रूठ गए हो तुम, इतने मायूस क्यूँ हो गए हो तुम, जरूर तुम्हारा किसी ने दिल तोड़ा है, जो इतने बेपरवाह हो गए हो तुम।
12.दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ तो हुई, लेकिन तमाम उम्र का आराम हो गया।
13.होंठों की हँसी को न समझ हकीक़त-ए-जिंदगी, दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए हैं हम।
14.होश उड़ जाएंगें मेरे कातिल के, कोई उसे बता दे कि मैं जिंदा हू अभी।
15.बदल गए सब लोग आहिस्ता-आहिस्ता, अब तो अपना भी हक़ बनता है।
16.इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था, काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
17.ख्वाहिशें थीं चाँद तारे तोड़ लाने की मगर, देख लो बिखरा पड़ा है वो जमीं पर टूट कर।
18.मालूम जो होता हमें अंजाम-ए-मोहब्बत, लेते न कभी भूल के हम नाम-ए-मोहब्बत।
19.मेरे हाथों से मेरी तकदीर भी वो ले गया, आज अपनी आखिरी तस्वीर भी वो ले गया।
20.अब कहाँ जरुरत है हाथों में पत्थर उठाने की, तोड़ने वाले तो दिल जुबां से ही तोड़ दिया करते है।